खरसावां के अर्जुना स्टेडियम मे शिक्षा विभाग के संचालित खेलो झारखंड प्रतियोगिता-2025-26 मे भारी अनियमिताओं की शिकायत सरायकेला खरसावां जिला उपायुक्त से किया गया है।
सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने सरायकेला खरसावां जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर खेलो झारखंड कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग द्वारा भारी अनियमिताओं की जांच की मांग की है। उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत खेलो झारखंड कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग द्वारा जिले के कई प्रखंडों में अनियमिता की शिकायत आई है। जिसमें खासकर खरसावां प्रखंड के अर्जुन स्टेडियम में चलाए जा रहे मैच में भारी अपमानित की शिकायत मिली है। फुटबॉल मैच के दौरान बहुत सारे खिलाड़ियों के साथ अपमानित व्यवहार किया गया। साथ ही मैच बिना खेले टॉस और पेनल्टी कॉर्नर द्वारा विजेता का फैसला लिया गया। जो सर्वथा अनुचित है। लगभग 400 खिलाड़ियों के उपस्थिति में केवल 200 खिलाड़ियों के लिए निम्न स्तर की खिचड़ी की व्यवस्था की गई थी। विदित हो कि खिलाड़ियों को सुदूर ग्रामीण छात्रों से सुबह 7 बजे ही बुलाया गया था।दिनभर भूख प्यास तड़पते खिलाड़ियों को 3 बजे खिचड़ी वितरित की गई। खेलों में भी आयु को भी ध्यान में नहीं रखा गया। 14 वर्ष आयु के खिलाड़ी 17 वर्ष की आयु 17 एवं 19 वर्ष के आयोग के खिलाड़ी 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ी के साथ खेलते हुए नजर आए। इसी तरह सभी वर्ग के आयु की समानता को भी नजरअंदाज किया गया। ऊपर से शिक्षकों को भी धमकाया गया। अगर आप ज्यादा बोलेगा तो आपको सस्पेंड कर देंगे। ऐसा आप पंकज महतो नामक बीपीओ ने कहा जो पूरे टूर्नामेंट का व्यवस्थापक थे।
विशेष बात यह है कि फुटबॉल में अंडर 14 ,17 और 19 बालक एवं बालिका वर्ग में प्रखंड में दर्जनों टीम ने हिस्सा लिया। परंतु अधिकांश टीमों को बिना मैच करायें टॉस के जरिए हार जीत का फैसला कर दिया गया। इस बात को लेकर पूरे प्रखंड क्षेत्र के खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों में भारी आक्रोश है और लोग मुख्यमंत्री से खेलो झारखंड की सार्थकता पर प्रश्न पूछने वाले है। प्रखंड संसाधन केंद्र द्वारा लगभग 30 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति इस प्रतियोगिता में की गई थी। जबकि लगभग आधे शिक्षक की अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए नजर आए बाकी शिक्षक व्यवस्था का हवाला देते हुए चलते बने। उन्होंने उपायुक्त से खेलो झारखंड जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को शिक्षा विभाग द्वारा की गई भारी अनियमियता की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई।
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