बोकारो : बोकारो से सामने आई इस हृदयस्पर्शी घटना ने पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब बेटे और बेटियों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभाने से इनकार कर दिया, तब छोटी बहू नूतन तनु आगे आईं और ससुर को मुखाग्नि देकर एक मिसाल पेश कर दी.
बोकारो से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है. सेक्टर 9ए, स्ट्रीट 2 में रहने वाले 80 वर्षीय शोभाकांत ठाकुर के निधन के बाद परिवार में ऐसे हालात बने, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. जिन बेटों-बेटियों पर अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी होती है, उन्होंने ही यह फर्ज निभाने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे समय में परिवार की छोटी बहू नूतन तनु आगे आईं और अपने ससुर को मुखाग्नि देकर समाज में नई मिसाल कायम कर दी.
*परिवार में कोई नहीं आगे आया*
जानकारी के अनुसार, शोभाकांत ठाकुर के दो बेटे और दो बेटियां हैं. बड़े बेटे ने मुखाग्नि देने से इनकार कर दिया. दूसरी ओर, दोनों बेटियां भी बोकारो में ही रहती हैं, लेकिन वे भी अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं. इस बीच, शोभाकांत ठाकुर के छोटे बेटे—जो नूतन तनु के पति थे—का निधन पहले ही हो चुका है. ऐसे में परिवार में कोई पुरुष सदस्य उपलब्ध नहीं था जो मुखाग्नि दे सके.
*बहू ने उठाई जिम्मेदारी*
स्थिति को देखते हुए छोटी बहू नूतन तनु आगे आईं. उन्होंने न सिर्फ अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी उठाई, बल्कि स्वयं चिता को मुखाग्नि देकर अपने ससुर को विदाई दी. नूतन ने भावुक होते हुए कहा कि यह मेरा फर्ज था और मैंने सिर्फ वही किया जो एक बेटी भी कर सकती है.







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