राँची: धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर तक जाने वाली सड़क बारिश के दौरान धंस गई थी, लेकिन अब तक उसकी मरम्मत नहीं हो पाई है। सड़क धंसने के कारणों की जांच सोसाइटी ऑफ जियो साइंटिस्ट्स की टीम ने की है। यह जांच आईआईटी एलुमनी सोसाइटी के वी.के. जैन के नेतृत्व में हुई।
जांच में बताया गया है कि मंदिर तक जाने वाले रास्ते के नीचे की मिट्टी और चट्टान सड़क निर्माण के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन सड़क का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया गया था। बाद में सही रखरखाव नहीं होने के कारण सड़क के किनारे की दीवार कमजोर हो गई। पानी के रिसाव और वाहनों के दबाव से साइड वॉल की मिट्टी धंस गई, जिससे मानसून के दौरान पक्की सड़क धंस गई।
रिपोर्ट में सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। जोन-1 और जोन-2 में धंसे हिस्सों की पुरानी परत हटाकर पानी निकासी के लिए ड्रेनेज बनाने और नई सड़क बनाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही भूस्खलन वाले क्षेत्रों में मजबूत रिटेनिंग वॉल और कंक्रीट क्लैडिंग लगाने का सुझाव दिया गया है। बारिश के पानी की सही निकासी के लिए नालों और पुलियों को भी व्यवस्थित करने की बात कही गई है।
सड़क धंसने के बाद मंदिर जाने वाले मार्ग पर चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। अब वाहन मंदिर के मुख्य द्वार तक नहीं जा पा रहे हैं। बीच रास्ते में बैरिकेडिंग कर मार्ग बंद कर दिया गया है और सड़क किनारे पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इससे वाहनों का दबाव कम हुआ है, लेकिन सड़क पर खतरा अब भी बना हुआ है।







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