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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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मंगलवार, 30 दिसंबर 2025

कुछ ही पल में किलो छील लेंगे मटरछीमी, जानिये झटपट तरीके

सर्दियों की दस्तक के साथ ही बाजारों में हरी-भरी मटरछीमी की बहार आ जाती है। कहीं मटर की कचौड़ी की खुशबू है, तो कहीं घुघनी का स्वाद, हर रसोई में मटर अपनी खास जगह बना लेती है। लेकिन इसी मटर के साथ एक समस्या भी आती है, छीलने की झंझट। खासकर जब ज्यादा मात्रा में मटर हो, तो उंगलियां थक जाती हैं और मन उचटने लगता है। अगर आप भी मटर देखकर खुश तो होते हैं, लेकिन छीलने के नाम पर माथा पकड़ लेते हैं, तो ये आसान और देसी ट्रिक्स आपके बड़े काम की हैं। मटरछीमी जल्दी छीलने के आसान और कारगर झटपट तरीके अजमा लें, हल्का उबाल, झटपट कमाल, अगर मटर की फलियां सख्त हैं, तो उन्हें 2–3 मिनट गुनगुने पानी में डाल दें। 



फलियों का छिलका नरम हो जायेगा और मटर फटाफट निकल आयेगी। ध्यान रखें, ज्यादा देर उबालेंगे तो मटर पकने लगेगी। मटर की फली को बीच से हल्के हाथ से दबायें। जैसे ही दबाव पड़ेगा, फली खुल जायेगी और मटर बाहर आने लगेगी। मोटी या ज्यादा पकी फलियों के लिये छोटे चाकू से एक लंबा, हल्का कट लगा दें। फली तुरंत खुल जायेगी और मटर आसानी से निकल आयेगी। नरम मटर की फलियां सूती कपड़े पर रखकर हल्के से रोल करें। कई बार मटर अपने आप फली से बाहर निकल आती है। देसी तरीका, बढ़िया नतीजा।

बोधगया की आत्मा का दस्तावेज बना महाबोधि मंदिर का 2026 कैलेंडर*

बिहार : बोधगया में महाबोधि मंदिर केवल ईंट और पत्थरों से बनी एक संरचना नहीं है। यह वह स्थान है, जहां हर दिन दुनिया भर से आए लोग शांति की तलाश में सिर झुकाते हैं। सोमवार को जब महाबोधि महाविहार प्रबंध समिति ने वर्ष 2026 का वार्षिक कैलेंडर जारी किया, तो यह सिर्फ तारीखों का संग्रह नहीं रहा, बल्कि उन अनगिनत भावनाओं की झलक बन गया, जो इस परिसर से जुड़ी हैं। समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित सादे लेकिन भावनात्मक कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी सह बीटीएमसी अध्यक्ष श्री शशांक शुभंकर ने कैलेंडर का विमोचन किया। मौजूद भिक्खुओं, अधिकारियों और सदस्यों के चेहरों पर एक संतोष साफ दिख रहा था, जैसे बोधगया की आत्मा को कागज पर उतार दिया गया हो।

हर पन्ना, एक अनुभूति

इस 12 पृष्ठीय कैलेंडर का पहला पन्ना महाबोधि मंदिर के भव्य स्वरूप के साथ वर्ष 2026 के प्रमुख आयोजनों की जानकारी देता है। आगे के हर महीने में ऐसा लगता है मानो पाठक खुद मंदिर परिसर में टहल रहा हो।

जनवरी में गर्भगृह में विराजमान भगवान बुद्ध की शांत मुद्रा दिखाई देती है, जो मन को ठहराव देती है। फरवरी में मंदिर के शिखर और स्वर्णिम छत्र की आभा आस्था को और गहरा करती है। मार्च की रात में एलईडी रोशनी से जगमगाता मंदिर मानो यह संदेश देता है कि अंधेरे में भी प्रकाश का मार्ग होता है। अप्रैल का एरियल व्यू हरियाली और निरंजना नदी के साथ मंदिर को एक जीवंत स्वरूप देता है। मई में बोधिवृक्ष के नीचे कठिन चीवर दान का दृश्य त्याग और करुणा की परंपरा को सामने लाता है। जून में नदी के पानी में पड़ती महाबोधि की छाया ठहर कर देखने को मजबूर करती है।

बोधिवृक्ष के साए में जीवन

जुलाई और अगस्त के पन्नों में बोधिवृक्ष की जड़ें और नई कोंपलें दिखाई देती हैं। ये सिर्फ तस्वीरें नहीं, बल्कि जीवन के निरंतर चलते रहने का प्रतीक हैं। सितंबर में जब विदेशी नागरिक श्वेत वस्त्र पहनकर श्रामणेर दीक्षा लेते नजर आते हैं, तो यह साफ हो जाता है कि महाबोधि मंदिर की करुणा की धारा सीमाओं से परे है। अक्टूबर में रत्न चंक्रमण चैत्य, नवंबर में बोधिसत्व की प्रतिमा और दिसंबर में मुख्य द्वार से दिखता मंदिर, साल का समापन उसी भव्यता और शांति के साथ करता है, जिससे बोधगया की पहचान बनी है।

सुविधा भी, संवेदना भी

कैलेंडर के विमोचन के दौरान यह भी बताया गया कि बीटीएमसी मंदिर के विकास के साथ मानवीय जरूरतों का भी ध्यान रख रही है। नए कार्यालय भवन का निर्माण, सौर ऊर्जा का उपयोग और वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए रैम्प का विस्तार, ये सभी प्रयास इस बात का संकेत हैं कि आस्था के साथ सुविधा भी जरूरी है।

एक कैलेंडर, कई कहानियां

कार्यक्रम में चीफ मोंक वेन चालिन्दा भंते, वरीय भिक्खु वेन डॉ मनोज भंते, सचिव डॉ महाश्वेता महारथी और बीटीएमसी के सदस्य मौजूद थे। सबकी जुबान पर एक ही बात थी कि यह कैलेंडर साल भर दीवार पर टंगा रहने वाला कागज नहीं, बल्कि हर सुबह देखने पर मन को शांति देने वाला साथी बनेगा। महाबोधि मंदिर का यह कैलेंडर 2026 के दिनों को गिनने के साथ साथ इंसान को खुद से जुड़ने का मौका भी देता है। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।

जम्मू: क्रेन से टकराई रोडवेज बस, 50 लोगों का क्या हुआ हाल

जम्मू की रिंग रोड पर सोमवार को एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। पंजाब से जम्मू आ रही पंजाब रोडवेज की बस सड़क किनारे खड़ी एक क्रेन से जा टकराई। हादसे में करीब 50 यात्री घायल हो गये, जिनमें 3 से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, रिंग रोड पर क्रेन की मदद से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार बस नियंत्रण खो बैठी और क्रेन से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।



हादसे के बाद पुलिस और आपातकालीन टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। फिलहाल सभी घायलों का इलाज जारी है। दुर्घटना के कारण रिंग रोड पर कुछ समय के लिए यातायात भी प्रभावित रहा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, वहीं प्रशासन ने वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की है।

*गुमला का कल बदला रहेगा ट्रैफिक रूट, इन रास्तों पर नो एंट्री*

झारखंड : गुमला जिले में 30 दिसंबर को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम है। राष्ट्रपति रायडीह थाना क्षेत्र के मांझाटोली पहुंचेंगी। कार्यक्रम को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में अस्थायी बदलाव किया है। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का मकसद आम लोगों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है।

भारी वाहनों पर पूरी तरह रोक

प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार 29 दिसंबर 2025 को सुबह 8 बजे से लेकर 30 दिसंबर को कार्यक्रम समाप्त होने तक गुमला शहरी क्षेत्र और रायडीह थाना क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। भारी वाहनों को रोकने के लिए कई प्रमुख स्थानों पर ड्रॉप गेट लगाए गए हैं।

इन स्थानों पर लगाए गए हैं ड्रॉप गेट

पॉलिटेकनिक कॉलेज चंदाली

चपका

आंजन टोल प्लाजा

सिसई

पुगु बाइपास रोड चौक

हंसेरा मोड़

उर्मी चौक

सीलम (रायडीह से गुमला की ओर)

टंगरा स्कूल मोड़

कांसिर चैनपुर मोड़

चैनपुर रोड केराडीह

NH-43 पर 30 दिसंबर को सभी वाहनों की नो एंट्री

30 दिसंबर 2025 को गुमला से रायडीह और मांझाटोली होते हुए जशपुर जाने वाली NH-43 पर सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

जशपुर जाने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग

गुमला से जशपुर जाने वाले निजी और यात्री वाहन मिशन चौक मांझाटोली से पुराने रायडीह मार्ग की ओर मोड़े जाएंगे। वाहन मोकरा और कोण्डरा होते हुए आरा सुरसांग बॉर्डर के रास्ते जशपुर छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे।

चैनपुर, डुमरी और जारी जाने वाले वाहनों के लिए व्यवस्था

गुमला शहरी क्षेत्र से चैनपुर, डुमरी, जारी और कुरूमगढ़ जाने वाले वाहन टंगरा स्कूल मोड़ से कांसिर और चैनपुर मार्ग का उपयोग करेंगे। वहीं डुमरी, जारी और चैनपुर से गुमला आने वाले सभी वाहन कांसिर मोड़ चैनपुर से गुमला की ओर प्रवेश करेंगे।

प्रशासन की आम लोगों से अपील

जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित यातायात निर्देशों का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें। इससे राष्ट्रपति का भ्रमण कार्यक्रम सुरक्षित, व्यवस्थित और सफल तरीके से संपन्न कराया जा सकेगा।

राष्ट्रपति ने ओल चिकी लिपि की शताब्दी समारोह को बना दिया यादगार

जमशेदपुर के करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान प्रांगण में सोमवार को आयोजित 22वें संताली ‘परसी माहा’ एवं ओल चिकी लिपि शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संथाली भाषा में गीत गाकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत लगभग तीन मिनट तक “जोहार जोहार आयो…” गीत से की, जिसे सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गए।

संथाली भाषा और ओल चिकी लिपि का महत्व

राष्ट्रपति ने अपने जीवन संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि समाज के प्रेम और इष्टदेवों के आशीर्वाद ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने ओल चिकी लिपि को संथाली समाज की पहचान, आत्मसम्मान और एकता का आधार बताया। राष्ट्रपति ने संविधान में संथाली अनुवाद का महत्व बताते हुए कहा कि जब कानून और अधिकारों की जानकारी मातृभाषा में होगी तो समाज सशक्त बनेगा और निर्दोष लोग न्याय से वंचित नहीं होंगे।

साहित्य और संस्कृति के संरक्षण में योगदान

राष्ट्रपति ने ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन के योगदान की सराहना की और भरोसा जताया कि वे ओल चिकी लिपि और संथाली समाज के संरक्षण व विकास के लिए लगातार प्रयास करेंगी। समारोह में साहित्यकारों, शिक्षकों और साधकों को सम्मानित भी किया गया।

यह आयोजन जनजातीय संस्कृति की जीवंतता और गर्व का प्रतीक : राज्यपाल

समारोह में मौजूद प्रदेश के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह आयोजन केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि जनजातीय संस्कृति की जीवंतता और गर्व का प्रतीक है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के जीवन संघर्ष को पूरे आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और जमशेदपुर को सांप्रदायिक सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक शहर बताया। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था और ओल चिकी लिपि हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल भवन जनजातीय भाषाओं और संस्कृतियों के संरक्षण के लिए हमेशा सक्रिय रहेगा।

जनजातीय भाषाओं और संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है राज्य सरकार : सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संथाली भाषा और ओल चिकी लिपि के विकास में योगदान ऐतिहासिक महत्व का है। उन्होंने संविधान के संथाली अनुवाद को समाज के लिए मील का पत्थर बताते हुए कहा कि


गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू ने संथाली समाज को लिपि देकर जो पहचान दी, उसके लिए पूरा समाज उनका आभारी है। सीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जनजातीय भाषाओं और संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है।

इन्हें मिला सम्मान

समारोह के समापन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संथाली साहित्य और ओल चिकी लिपि को समृद्ध करने वाले साहित्यकारों, शिक्षकों और साधकों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में शोभनाथ बेसरा, पद्मश्री डॉ. दमयंती बेसरा, मुचीराम हेम्ब्रॉम, भीमवार मुर्मू, साखी मुर्मू, रामदास मुर्मू, चुंडा सोरेन सिपाही, छोतराय बास्के, निरंजन हंसदा, बी.बी. सुंदरमन, सौरव, शिव शंकर कंडेयांग, सी.आर. माझी सहित कई अन्य नाम शामिल रहे।

बांग्लादेश : पूर्व PM खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन, आज सुबह अस्पताल में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन हो गया है। उन्होंने 80 साल की उम्र में 30 दिसंबर को तड़के ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थीं। लेकिन पिछली रात उनकी हालत बहुत खराब हो गई। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने से ढाका के एवरकेयर अस्पताल में हलचल बढ़ गई। खालिदा जिया की गिरती सेहत की खबर मिलते ही अस्पताल के बाहर BNP समर्थकों और नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया था।



बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा गया, “खालिदा जिया का फज्र की नमाज के ठीक बाद सुबह करीब 6 बजे निधन हो गया।”

बांग्लादेश की पहली महिला PM थीं खालिदा जिया : बता दें कि खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला पीएम थीं। वह BNP यानी एवं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख भी थीं। बीएनपी मीडिया सेल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर उनके निधन की जानकारी दी गई।

राष्ट्रपति का गुमला दौरा : कारकेड रिहर्सल से DC-SP ने की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा*

झारखंड

गुमला: राष्ट्रपति के प्रस्तावित गुमला दौरे से पहले जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। डीसी प्रेरणा दीक्षित और एसपी हारिस बिन जमां ने संयुक्त रूप से सुरक्षा काफिले का कारकेड रिहर्सल कर सुरक्षा व्यवस्था और लॉजिस्टिक तैयारियों का परीक्षण किया। रिहर्सल में राष्ट्रपति के आगमन और प्रस्थान मार्ग, वैकल्पिक रूट, यातायात नियंत्रण, सुरक्षा घेरा और एस्कॉर्ट व्यवस्था की समीक्षा की गई। साथ ही संचार प्रणाली और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता को भी परखा गया। इसका मकसद था कि कार्यक्रम के दौरान सभी व्यवस्था निर्बाध और सुरक्षित रहे।

अधिकारियों को दिए गए निर्देश

डीसी प्रेरणा दीक्षित ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा, प्रशासनिक और लॉजिस्टिक व्यवस्था में शून्य त्रुटि सुनिश्चित हो। सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करें।

पुलिस की समीक्षा और सतर्कता

पुलिस अधीक्षक ने रूट लाइन, बैरिकेडिंग, चेकिंग प्वाइंट्स, फील्ड ड्यूटी में तैनात बलों की जिम्मेदारियों और कंटिंजेंसी प्लान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कर्मी अपनी जिम्मेदारी पूरी सतर्कता और अनुशासन के साथ निभाए।

कार्यक्रम का समय और मार्ग

राष्ट्रपति महोदया कल सुबह 10:50 बजे जशपुर हवाई अड्डे पहुंचेंगी। वहां से सड़क मार्ग द्वारा गुमला के रायडीह प्रखंड स्थित शंख मोड़ मांझाटोली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जन संस्कृति समागम – कार्तिक जतरा 2025 में शामिल होंगी। कार्यक्रम का संभावित समापन दोपहर 12:20 बजे होगा, उसके बाद राष्ट्रपति सड़क मार्ग से जशपुर हवाई अड्डे लौटेंगी।

अधिकारियों की मॉनिटरिंग और अंतिम ब्रीफिंग

कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए डीसी और एसपी समय-समय पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अंतिम जॉइंट ब्रीफिंग शाम को आयोजित की जाएगी। इस दौरान जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

मोबाइल स्क्रीन से शुरू हुई कहानी ले ली एक किशोरी की जान

कोडरमा: एक मोबाइल फोन, कुछ व्हाट्सएप मैसेज और एक किशोरी की टूटी हुई दुनिया। झुमरीतिलैया के गांधी स्कूल रोड के एक घर में बीते कल एक नाबालिग लड़की की बॉडी फंदे पर लटकती हालत में मिली। नेहा कुमारी, उम्र सिर्फ 17 साल। कक्षा 12 की छात्रा। जब उसका शव कमरे में फंदे से लटका मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लेकिन कहानी तब सामने आई, जब परिजनों ने उसका मोबाइल फोन खोला। स्क्रीन पर व्हाट्सएप चैट थी। सामने नाम था अंकित यादव, जयनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला युवक। मैसेज में वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी थी। डराने वाले शब्द थे। फंसाने की बात थी। यह वही पल था, जब परिवार को समझ में आया कि नेहा शायद अंदर ही अंदर किस डर से जूझ रही थी।

घर से बाहर गए थे परिजन, कमरे में अकेली रह गई नेहा

मृतका के मामा लक्ष्मण यादव बताते हैं कि रविवार दोपहर वह और नेहा की मां गुड़िया देवी किसी काम से बाहर गए थे। नेहा घर में अकेली थी। रात को जब दोनों लौटे, तो अंदर का कमरा बंद था। दरवाजा खोला गया तो नेहा कुर्सी के सहारे साड़ी से बने फंदे पर छत में लगे हुक से लटकी हुई मिली। परिजनों ने उसे तुरंत नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।

गांव की पढ़ाई, शहर के सपने और अधूरी सुरक्षा

नेहा का पैतृक गांव जयनगर प्रखंड का चंद्रपुर है। उसने 10वीं तक की पढ़ाई पास के सतडीहा गांव से की थी। वहीं किसी समय उसकी दोस्ती अंकित से हुई होगी, ऐसा परिजनों को शक है। बाद में वह झुमरीतिलैया में रहकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी।

पिता परिवार के साथ नहीं रहते थे। मां और मामा ही उसकी दुनिया थे। पढ़ाई पूरी कर कुछ बनने का सपना था, लेकिन एक डर ने सब कुछ तोड़ दिया।

खामोश रहती थी नेहा, दर्द किसी से नहीं कहा

परिजन बताते हैं कि नेहा हाल के दिनों में कम बोलने लगी थी। मोबाइल पर ज्यादा समय बिताती थी, लेकिन कभी किसी से कोई शिकायत नहीं की। शायद उसे डर था। शायद बदनामी का। शायद किसी वीडियो के नाम पर दी जा रही धमकी का।

पुलिस जांच में जुटी, मोबाइल बना अहम कड़ी

घटना की सूचना मिलते ही तिलैया पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल कोडरमा भेजा गया। पुलिस ने नेहा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है और चैट में सामने आए तथ्यों को गंभीरता से खंगाल रही है।

झारखंड: ठंड से जूझता झारखंड, इस इलाके का पारा 1 डिग्री से नीचे

झारखंड में सर्दी ने लोगों को कंबल ओढ़ने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के ज्यादातर जिलों में सुबह हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहेगा, जबकि दिन में आसमान साफ रहने की उम्मीद है। यह स्थिति 2 जनवरी तक जारी रह सकती है। उत्तरी झारखंड के कुछ इलाकों में घना कोहरा पड़ने से सड़क और रेल यात्रा प्रभावित हो सकती है। वाहन चालकों को सुबह के समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के करीब और न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।



पलामू, लातेहार जैसे उत्तरी और पश्चिमी जिलों में शीतलहर का असर बना हुआ है। सोमवार सुबह उत्तरी हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा, जबकि रांची में ठंड बढ़ने से कनकनी महसूस की गई। मैक्लुस्कीगंज में न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री तक गिर गया, वहीं कांके में 5.2 डिग्री दर्ज किया गया। कोहरे ने हवाई यात्रा को भी प्रभावित किया। रांची एयरपोर्ट से चार उड़ानें रद्द हुईं, जबकि कई फ्लाइट्स एक से दो घंटे देरी से चलीं। इंडिगो की कोलकाता-रांची और दिल्ली-रांची फ्लाइट्स मुख्य रूप से प्रभावित रहीं।

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे पारा 10 डिग्री के आसपास पहुंच जाएगा। नए साल के जश्न में लोगों को कुछ राहत मिलेगी, क्योंकि पांच दिनों तक मौसम सामान्य रहेगा। हालांकि, लातेहार, गुमला और लोहरदगा में शीतलहर बनी रह सकती है। जमशेदपुर में तापमान 14 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है, जबकि 4 जनवरी से फिर ठंड बढ़ सकती है।

कुंदा की रात खू’न से लाल, TSPC गुटों की आपसी जंग में दो ढेर*

झारखंड

च त रा  : कुंदा थाना क्षेत्र का छोटा सा गांव गेंद्रा रविवार की रात उस वक्त दहल उठा, जब TSPC नक्सली संगठन से जुड़े दो गुटों के बीच पुराना विवाद अचानक हिंसक टकराव में बदल गया। देर रात की खामोशी गोलियों की आवाज से टूट गई और कुछ ही मिनटों में गांव की गलियां खून से लाल हो गईं।

घर तक पहुंचा विवाद, शुरू हुई फायरिंग

प्रत्यक्ष सूत्रों के मुताबिक, रविवार देर रात देवेंद्र गंझु अपने कुछ साथियों के साथ श्याम भोक्ता के घर पहुंचा। दोनों के बीच पहले से चला आ रहा आपसी विवाद फिर उभर आया। बात बढ़ी तो घर के भीतर ही गोलियां चलने लगीं। अचानक हुए इस हमले में श्याम भोक्ता और उसका साला गोपाल भोक्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।

दो की मौके पर मौत, गांव में मची अफरातफरी

गोलीबारी के दौरान हालात पलट गए। देवेंद्र गंझु और उसका एक साथी चूरामन गंझु वहीं ढेर हो गए। दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर गांव में अफरातफरी मच गई। लोग घरों में दुबक गए और पूरा इलाका सहम गया।

घायलों को रांची किया गया रेफर

घायल श्याम भोक्ता और गोपाल भोक्ता को पहले प्रतापपुर और फिर डाल्टनगंज ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर दोनों को रिम्स रांची रेफर कर दिया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

पुराना नक्सली कनेक्शन आया सामने

जांच में सामने आया है कि दोनों पक्ष TSPC नक्सली संगठन से जुड़े रहे हैं। देवेंद्र गंझु संगठन का पूर्व सदस्य था, जिस पर 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं श्याम भोक्ता भी टीएसपीसी से जुड़ा रहा है और एनआईए के एक मामले में अभियुक्त है। पुलिस मान रही है कि यह वारदात किसी बड़े नक्सली ऑपरेशन से ज्यादा आपसी रंजिश का नतीजा है।

घटना के बाद फरार आरोपी, पुलिस पर दबाव

घटना के बाद से इसमें शामिल अन्य लोग फरार हैं। कुंदा थाना पुलिस ने इलाके में छापेमारी शुरू कर दी है। बोकारो आईजी सुनील भास्कर पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने चतरा एसपी को साफ निर्देश दिया है कि सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो।

गांव में दहशत, पुलिस तैनात

दो नक्सलियों की मौत के बाद गेंद्रा गांव और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। एहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों के लिए यह रात सिर्फ एक वारदात नहीं, बल्कि उस डर की याद बन गई है जो सालों से नक्सल हिंसा के साथ इस इलाके में मौजूद है।

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