हजारीबाग ठंडी हवा में धुंध घिरी उस सुबह बड़कागांव प्रखंड के छावनिया पुल के पास एक छात्र अचेत अवस्था में पड़ा मिला। आसपास के लोग घबराए हुए थे। कोई समझ नहीं पा रहा था कि बच्चे की जान बचाई जाए या नहीं। तभी, एक उम्मीद की किरण आई… अदाणी फाउंडेशन की निःशुल्क इमरजेंसी एंबुलेंस मौके पर पहुंची। चालक और स्वास्थ्य कर्मियों ने तुरंत प्राथमिक उपचार किया और बच्चे को बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग रेफर कर दिया। स्थानीय लोग कहते हैं, “अगर समय पर यह मदद नहीं आती, तो अब हम उसे नहीं देखते। यह सेवा हमारे लिए भगवान की तरह है।”
संकट की घड़ी में जीवनदान
बड़कागांव के ग्रामीणों के लिए अस्पताल पहुंचना हमेशा चुनौती रहा है। गढ़े और खराब सड़कें, सीमित वाहन सुविधा और दूरी कभी-कभी जानलेवा साबित होती है। लेकिन चार सालों से अदाणी फाउंडेशन की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा ने इन मुश्किलों को काफी हद तक दूर किया है। रामु मंडल, जो अपने बेटे के इलाज के लिए एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे, कहते हैं, “जब एंबुलेंस आई, हम सभी ने राहत की सांस ली। यह सिर्फ वाहन नहीं, जीवनदान है।”
आंकड़े बताते हैं सेवा की अहमियत
बीते चार वर्षों में 387 मरीजों को इस सेवा के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। केवल पिछले तीन महीनों में 25 मरीजों को हजारीबाग और 3 मरीजों को रांची रेफर किया गया। इनमें सांप काटने, बिजली का करंट लगने, छत या पेड़ से गिरने और प्रसव जैसी गंभीर आपात स्थितियां शामिल हैं। फाउंडेशन के स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं, “हर मरीज हमारे लिए अनमोल है। समय पर पहुंचना ही कई बार मौत और जीवन के बीच फर्क करता है।”
गरीब और जरूरतमंदों के लिए वरदान
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह सेवा उनके लिए बड़ी राहत है। बिना किसी खर्च के समय पर अस्पताल पहुंचना उनकी चिंता को कम करता है और मानसिक तनाव को भी हल्का करता है। निर्मला देवी, जो अपने छोटे बच्चे की बिमारी में एंबुलेंस की मदद लेकर आईं, कहती हैं, “अब हमें डर नहीं लगता। किसी हादसे या बिमारी में मदद तुरंत आती है।”
स्वास्थ्य से आगे… शिक्षा और समाज सुधार
गोंदुलपारा खनन परियोजना क्षेत्र में अदाणी फाउंडेशन सिर्फ स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। यह शिक्षा, कौशल विकास, पेयजल, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। स्कूलों में सहयोग, युवाओं के प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर और बुनियादी सुविधाओं के विकास से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है।
आज बड़कागांव में अदाणी फाउंडेशन की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा केवल वाहन नहीं, बल्कि संकट की घड़ी में लोगों के लिए भरोसेमंद साथी बन चुकी है। ग्रामीण इसे सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि उम्मीद और सुरक्षा की प्रतीक मानते हैं।











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