झारखंड
च त रा : कुंदा थाना क्षेत्र का छोटा सा गांव गेंद्रा रविवार की रात उस वक्त दहल उठा, जब TSPC नक्सली संगठन से जुड़े दो गुटों के बीच पुराना विवाद अचानक हिंसक टकराव में बदल गया। देर रात की खामोशी गोलियों की आवाज से टूट गई और कुछ ही मिनटों में गांव की गलियां खून से लाल हो गईं।
प्रत्यक्ष सूत्रों के मुताबिक, रविवार देर रात देवेंद्र गंझु अपने कुछ साथियों के साथ श्याम भोक्ता के घर पहुंचा। दोनों के बीच पहले से चला आ रहा आपसी विवाद फिर उभर आया। बात बढ़ी तो घर के भीतर ही गोलियां चलने लगीं। अचानक हुए इस हमले में श्याम भोक्ता और उसका साला गोपाल भोक्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।
दो की मौके पर मौत, गांव में मची अफरातफरी
गोलीबारी के दौरान हालात पलट गए। देवेंद्र गंझु और उसका एक साथी चूरामन गंझु वहीं ढेर हो गए। दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर गांव में अफरातफरी मच गई। लोग घरों में दुबक गए और पूरा इलाका सहम गया।
घायलों को रांची किया गया रेफर
घायल श्याम भोक्ता और गोपाल भोक्ता को पहले प्रतापपुर और फिर डाल्टनगंज ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर दोनों को रिम्स रांची रेफर कर दिया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुराना नक्सली कनेक्शन आया सामने
जांच में सामने आया है कि दोनों पक्ष TSPC नक्सली संगठन से जुड़े रहे हैं। देवेंद्र गंझु संगठन का पूर्व सदस्य था, जिस पर 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं श्याम भोक्ता भी टीएसपीसी से जुड़ा रहा है और एनआईए के एक मामले में अभियुक्त है। पुलिस मान रही है कि यह वारदात किसी बड़े नक्सली ऑपरेशन से ज्यादा आपसी रंजिश का नतीजा है।
घटना के बाद फरार आरोपी, पुलिस पर दबाव
घटना के बाद से इसमें शामिल अन्य लोग फरार हैं। कुंदा थाना पुलिस ने इलाके में छापेमारी शुरू कर दी है। बोकारो आईजी सुनील भास्कर पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने चतरा एसपी को साफ निर्देश दिया है कि सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो।
गांव में दहशत, पुलिस तैनात
दो नक्सलियों की मौत के बाद गेंद्रा गांव और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। एहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों के लिए यह रात सिर्फ एक वारदात नहीं, बल्कि उस डर की याद बन गई है जो सालों से नक्सल हिंसा के साथ इस इलाके में मौजूद है।












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