आज तड़के करीब 4 बजे, बालू से लदे कई हाईवा वाहनों को घाट से निकलते हुए स्थानीय लोगों ने देखा।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह खनन वैध है, तो फिर रात के अंधेरे में परिवहन क्यों?
लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रति हाईवा 8,000 रुपये की अवैध वसूली होती है, और यह रकम नीचे से ऊपर तक सभी को मैनेज करने के लिए दी जाती है।
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि हर रोज़ तड़के 2 से 6 बजे तक बालू की ढुलाई की जाती है। ग्रामीणों ने खनन विभाग और जिला प्रशासन से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उनका सवाल है कि क्या यह प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा खेल है, या फिर जिला प्रशासन को इसकी जानकारी तक नहीं?
अंधेरे में बालू से लदे ट्रक/हाईवा की विजुअल्स।
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