सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन द्वारा अवैध अफीम की खेती पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे Pre-Cultivation Drive के तहत चांडिल प्रखंड के हेसाकोचा पंचायत सचिवालय में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उपायुक्त, नितिश कुमार सिंह ने बताया अफीम की अवैध खेती समाज और युवाओं के लिए बेहद हानिकारक है। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे वैकल्पिक खेती जैसे बागवानी, फल–सब्जी या खरीफ–रबी फसलों की ओर बढ़ें। प्रशासन हर संभव तकनीकी और योजनागत सहयोग प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि जागरूकता और आजीविका संवर्धन के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।
उन्होंने महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी की सराहना की और कहा कि परिवर्तन की दिशा में महिलाओं की भूमिका सबसे अहम है।
पुलिस अधीक्षक, मुकेश लुनायत ने बताया अवैध अफीम की खेती में शामिल पाए जाने पर 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। पिछले वर्ष प्रशासनिक प्रयासों के बाद कई किसानों ने स्वयं अपनी अवैध फसलों को नष्ट किया था यह एक सकारात्मक पहल है।
इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी ने किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और सरसों, चना, मटर सहित वैकल्पिक फसलों के बीजों का वितरण किया।
साथ ही चयनित लाभुकों के बीच मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना, धोती-साड़ी वितरण योजना और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी योजनाओं के तहत परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
कार्यक्रम के अंत में जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की कि वे नशे की अवैध खेती से दूर रहकर वैकल्पिक खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाएं।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें