पारुल सिंह को वैश्विक मान्यता पुरस्कार झारखंड की अधिकारी ने प्रशासनिक सेवाओं में रचा नया इतिहास
पारुल सिंह एक समर्पित सिविल सेवक हैं, जिनकी सार्वजनिक प्रशासन की यात्रा साहस, करुणा और परिवर्तनकारी नेतृत्व का उदाहरण प्रस्तुत करती है। वर्तमान में वे आदित्यपुर नगर निगम की उप नगर आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं, और इससे पहले सरायकेला तथा जमशेदपुर की उप-मंडल पदाधिकारी (एसडीएम) रह चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर को शासन को गरिमा, न्याय और सशक्तिकरण की शक्ति में बदलने के लिए समर्पित किया है।
उनकी सेवा असाधारण बहादुरी और प्रत्यक्ष नेतृत्व के लिए जानी जाती है। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे नागरिकों को बचाने के लिए खुद जल में उतरकर राहत कार्य किए, नक्सल प्रभावित चाईबासा में सीआरपीएफ शिविरों के साथ राहत अभियानों का नेतृत्व किया, और जमशेदपुर में सबर बस्ती जैसे आदिम जनजातीय समूहों के कल्याण और उत्थान के लिए कार्य किया।
कोविड-19 महामारी के दौरान, उन्होंने बड़े पैमाने पर चिकित्सा किटों और आवश्यक राशन के वितरण की निगरानी की, यह सुनिश्चित करते हुए कि सहायता सबसे अधिक कमजोर समुदायों तक पहुँचे।
पारुल सिंह ने अनेक प्रमुख सरकारी कल्याण योजनाओं का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन किया है, जिनमें शामिल हैं —
प्रधानमंत्री आवास योजना, सर्वजन पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, सावित्री बाई फुले योजना और कन्यादान योजना, जिससे लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
उनके प्रशासन ने मनरेगा (MNREGA) के तहत कई नवाचारात्मक कार्य किए, जिससे उन्हें राज्य स्तरीय प्रशंसा प्राप्त हुई, और उन्होंने अपने प्रखंड में पहले पीएमएवाई-जी (PMAYG) घर को पूर्ण कराने का महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया।
उनके योगदानों को अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से मान्यता मिली है, जिनमें शामिल हैं —
श्रेष्ठ भारत पुरुष्कार, जिला स्वच्छता पुरस्कार, निर्वाचन प्रशंसा पत्र, और कोविड-19 रोकथाम पुरस्कार।
जनता के बीच वे “लेडी सिंघम” के नाम से जानी जाती हैं — जो निडर ईमानदारी और जनसेवा की सच्ची भावना का प्रतीक हैं।
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