Advertisement

Advertisement

Advertisement

सोमवार, 15 दिसंबर 2025

धनबाद: ग्रंथ केवल पुस्तक नहीं, साक्षात ईश्वर का स्वरूप हैं: पूज्य हित ललितवल्लभ नागार्च

धनबाद: ‘हर के आँगन में हरि कथा’ के दूसरे दिन राधा रानी के भजनों पर झूमे श्रद्धालु

शहर के सरायढेला स्थित स्टीलगेट दुर्गा एवं शिव मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान ‘हर के आँगन में हरि कथा’ के द्वितीय दिवस पर भक्ति की अविरल धारा बही। शनिवार को वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध कथा व्यास पूज्य श्री हित ललितवल्लभ नागार्च जी ने व्यासपीठ से श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का भावपूर्ण वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

मानव देह केवल सेवा के लिए मिली है: कथा के दौरान पूज्य श्री नागार्च जी ने कहा कि हमारे सनातन संस्कृति के धार्मिक ग्रंथ कोई सामान्य पोथी या महज किताब नहीं हैं, बल्कि ये साक्षात भगवान का वांग्मय स्वरूप हैं। इनका दर्शन और श्रवण जीवन को पावन करता है। उन्होंने जीवन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य को यह शरीर केवल भोग के लिए नहीं, बल्कि सेवा और परोपकार के लिए मिला है। सेवा ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है।

राधा रानी के भजनों पर झूमे भक्त: कथा के दौरान जैसे ही व्यासपीठ से "मन जइयो मत भूल राधा रानी के चरण.... सुख रानी राधा रानी के चरण, राधा प्यारी के चरण, श्यामा प्यारी के चरण..." भजन गूंजा, पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया। उपस्थित भक्त अपने स्थान पर खड़े होकर भाव-विभोर होकर झूमने लगे। वातावरण में केवल राधारानी और श्रीकृष्ण के जयकारे गूंजते रहे।ज्ञात हो कि इस सात दिवसीय अनुष्ठान में बड़ी संख्या में शहरवासी उपस्थित होकर पुण्य के भागी बन रहे हैं।

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

Breaking