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मंगलवार, 9 सितंबर 2025

“हाथी भगाओ, फसल बचाओ” आंदोलन के तहत किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन

हाथी भगाओ किसानों की फसल बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चारों प्रखंड नीमडीह, चांडिल, ईचागढ़ और कुकड़ू प्रखंड के ग्रामीणों  द्वारा चांडिल वन क्षेत्र कार्यालय का घेराव किया ओर जोरदार आंदोलन ।



कोल्हान के सरायकेला - खरसावां जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में आए दिन जंगली हाथियों के आतंक से त्रस्त ग्रामीणों ने आज चांडिल कॉलेज मोड़ से चांडिल  वन क्षेत्र कार्यालय तक पैदल मार्च कर जोरदार नारेवाजी की, प्रशासन को स्वागत कराया गया ।

ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के हाथी भगाओ फसल बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चारों प्रखंड ,नीमडीह, चांडिल, ईचागढ़ और कुकड़ू प्रखंड के ग्रामीण जंगली हाथियों के बढ़ते आतंक से परेशान हैं, खेतों की फसल बर्बाद हो रही है, घर में रखे अनाज को साथ ही घरों को क्षत्रि ग्रस्त कर रहे हैं और कई लोग हाथी से घायल हो चुके हैं। इसी पीड़ा को लेकर “जंगली हाथी भगाओ, किसानों की फसल बचाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले ग्रामीणों ने चांडिल कॉलेज मोड़ से चांडिल वन कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला और जोरदार नारे बाजे के साथ।विरोध प्रदर्शन किया गया ।

वन कार्यालय पहुंचकर किसानों ने घेराव किया और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया ,  

हमारे मांगे प्रमुख मांगों ..

फसल बर्बादी पर प्रति एकड़ ₹1 लाख मुआवज़ा।

हाथियों द्वारा तोड़े गए घरों की तत्काल भरपाई।

मृतक किसानों के आश्रितों को ₹25 लाख और घायलों को ₹5 लाख सहायता।

गांवों में स्थायी सुरक्षा उपाय—सायरन, सोलर लाइट और बचाव उपकरण।

खेती छोड़ चुके किसानों को प्रति एकड़ ₹30,000 वैकल्पिक मुआवज़ा।

इस आंदोलन मे संघर्ष समिति के संजोयक निपेन कृष्ण महतो ने अपने समर्थकों को आंदोलन को मजबूत करने का आह्वान किया और वन रेंजर से वार्ता की। उन्होंने सवाल उठाया कि “बंगाल में हाथियों के निराकरण के लिए विशेष सुविधाएँ उपलब्ध हैं ।

अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे को सदन तक पहुंचाएंगे केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपया वन एंब पर्यावरण विभाग को  मुहैया कराया जाता हे ।फिर भी दलमा सेंचुरी से हाथी की झुंड पलायन करके ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है।ओर शाम ढलते ही हाथियों की झुंड भोजन के तलाश में गांव में प्रवेश करके उपद्रव मचाते हैं।जिसे ग्रामीण आए दिन दहशत में जीने पर मजबूर है।इस  आंदोलन में हाथ में ताखा लेकर विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों महिला और पुरुष शामिल हुए और उन्होंने प्रशासन को चेताया कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।







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