राँची : हफुवा गांव का 21 वर्षीय मो इबरार अंसारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में एक साधारण युवक था। मोटरसाइकिल से कोयला बेचकर परिवार का पेट पालना उसकी रोज़मर्रा की लड़ाई थी। सोमवार की शाम को जैसे ही वह पड़ोसी समीर अंसारी के साथ घर से किसी काम के लिए निकला, परिवार को उस दिन के लिए उम्मीद थी कि शाम तक वह लौट आएगा। पर वह वापस नहीं लौटा। रात भर परिवार की नींद टूटी, हर घड़ी की घड़ी आवाज़ बस यही कहती रही: “कहां है हमारा बच्चा?”
सुबह की खबर ने तोड़ दी आस
मंगलवार की सुबह बुड़मू के छापर इलाके में रेलवे ट्रैक के पास एक शव मिला। पहचान हुई कि यह उनका इबरार है। परिवार के लिए यह पल मानो किसी बुरे सपने की तरह था। चाचा मो एकराम अंसारी की आंखों में डर और गम झलक रहा था। “हम उसे घर से लेकर गए थे, फिर… फिर क्या हुआ?” उन्होंने पुलिस से सवाल किया, लेकिन जवाब अभी दूर था।
पुलिया के नीचे हुई झगड़े की कहानी
परिजनों का कहना है कि घटना से पहले पुलिया के नीचे इबरार और उसके साथी में झगड़ा हुआ था। खून बिखरा हुआ देखा गया। ऐसा लगता है जैसे हत्या को रेल हादसा दिखाने की साजिश की गई हो। परिवार का गम और सवाल दोनों बढ़ गए।
पुलिस जांच में हर एंगल से सच की तलाश
बुढ़मू थानेदार प्रभास कुमार ने घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मृतक के सिर और आंख पर गंभीर चोटें हैं। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना कुछ कहना जल्दबाजी होगी। परिवार ने पुलिस से मामले की गहन जांच की मांग की है।
सवालों का जवाब सिर्फ समीर ही दे सकता है
परिवार के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि इबरार को ले जाने वाला समीर क्या सच बताएगा। परिवार का मानना है कि हत्या में केवल एक व्यक्ति शामिल नहीं था। कई लोगों के हाथ हो सकते हैं। इस दर्द और गम में परिवार अब सिर्फ न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
एक आम युवक, एक टूटी हुई उम्मीद
इबरार का परिवार अब रोज़मर्रा की ज़िंदगी में खालीपन महसूस कर रहा है। रोज़मर्रा की मेहनत, सपने और उम्मीदें अचानक एक दिन बिखर गईं। गांव के लोग भी इस हत्या से सहम गए हैं। बुढ़मू के लोग हत्याररों की जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद कर रहे हैं।











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