कर्मचारियों का आरोप है कि प्लांट को बिना पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया है और उनके बकाया वेतन समेत अन्य सुविधाओं का भुगतान भी अब तक नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि टाटा स्टील ने जब उषा मार्टिन के इस प्लांट का अधिग्रहण किया था, तब यह भरोसा दिलाया गया था कि प्लांट का संचालन जारी रहेगा और किसी की नौकरी नहीं जाएगी। वर्तमान में यह इकाई वेंडर कंपनी 'आरके एंटरप्राइजेज' के माध्यम से संचालित हो रही थी, जिसके तहत बड़ी संख्या में श्रमिक कार्यरत थे। पिछले कुछ दिनों से प्लांट में गतिविधियां बंद होने की घोषणा के बाद श्रमिकों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई थी।
बुधवार को हुए हंगामे के दौरान मजदूरों ने 'अन्याय' के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए टाटा स्टील के मानव संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी श्रमिकों और उनके प्रतिनिधियों के साथ प्राथमिक वार्ता की है। प्रबंधन की ओर से बकाया राशि के भुगतान और श्रमिकों के भविष्य को लेकर बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया गया है, हालांकि कर्मचारी फिलहाल ठोस समाधान की मांग पर अड़े हुए हैं।













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