राँची : झारखंड के विभिन्न जिलों से आए हीमोफीलिया मरीजों और उनके परिजनों ने मंगलवार को रिम्स (RIMS) रांची में विरोध प्रदर्शन किया. मरीजों ने आरोप लगाया कि रिम्स का हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सेंटर (HTC), जो राज्य के सैकड़ों मरीजों के लिए जीवनरेखा माना जाता है, अब प्रशासनिक लापरवाही और निजी हस्तक्षेप का शिकार हो गया है.
मरीजों का कहना है कि यह केंद्र, जो नि:शुल्क और वैज्ञानिक इलाज के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, अब Hemophilia Society, Ranchi Chapter के प्रभाव में है. आरोप है कि रिम्स की सरकारी इमारत और उपकरणों का उपयोग यह NGO अपने निजी कार्यालय की तरह कर रहा है. मरीजों ने बताया कि सरकारी संसाधनों से किए गए टेस्ट की रिपोर्टें सोसाइटी के लेटर हेड पर जारी की जा रही हैं, जिन पर रिम्स की मुहर लगी होती है. यह गंभीर अनियमितता है.










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