झारखंड: गढ़वा के माझिआंव थाना क्षेत्र के रामपुर गांव की पहाड़ी शुक्रवार दोपहर अचानक पुलिस और प्रशासन की हलचल से गूंज उठी। सदर SDM संजय कुमार खुद मोर्चा संभाले हुये थे। कंधे पर जिम्मेदारी और आंखों में सख्ती लिए वे अपनी टीम के साथ घुसे और ध्वस्त कर दिया वो अड्डा, जहां महीनों से टन के हिसाब से महुआ शराब पकाई जा रही थी। जैसे ही टीम की गाड़ियों की आवाज गांव के करीब पहुंची, कारोबारी भाग खड़े हुए। गांव की गलियां सुनसान हो गईं, घरों के दरवाजे बंद होते चले गये। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस धंधे को ओमप्रकाश, अखिलेश और रामजीवन मिलकर चला रहे थे। SDM ने मौके से ही आदेश दिया – “इनके खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।”
जलती भट्ठियां और शराब की ‘नदी’
झाड़ियों के बीच से उठते धुएं ने राज खोल दिया। टीम ने देखा भट्ठियों पर शराब पक रही है। तैयार शराब को कंटेनरों समेत नाले में उड़ेल दिया गया। 10 बड़े ड्रमों में करीब 20 क्विंटल अर्ध-निर्मित शराब मिट्टी और कीचड़ में बहा दी गई।
दृश्य ऐसा था, मानो पहाड़ी पर अचानक शराब की छोटी नदी फूट पड़ी हो। 12 ड्रम और उपकरण मौके पर ही जला दिए गये। SDM संजय कुमार ने कड़ा संदेश दिया “इतनी बड़ी मात्रा में खुलेआम शराब बनना बर्दाश्त नहीं। आगे अगर ऐसा अड्डा मिला तो उत्पाद विभाग के साथ थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी भी तय होगी। रिपोर्ट सीधे जिले और राज्य के अधिकारियों को भेजी जायेगी।”
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