आदित्यपुर स्थित पूर्वी आयरन कंपनी में 23 अगस्त 2025 को काम के दौरान एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया. साथी मजदूरों और स्थानीय लोगों ने कंपनी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के और सौदेबाज़ी के आरोप लगाए हैं.
मृतक के परिजनों ने बताया कि कंपनी की ओर से उन्हें केवल 5 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया गया, जबकि न तो उचित जांच की गई और न ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी गई. परिजनों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने सौदेबाज़ी की और फिर उनसे जबरन कागज़ों पर हस्ताक्षर करवाए गए.
परिजनों ने बताया कि घटना के बाद कंपनी की ओर से किसी भी अधिकारी ने सही जानकारी नहीं दी. उल्टा उन पर दबाव बनाया गया कि वे चुप रहें. जब परिवार ने विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया और कहा गया कि “जो दिया जा रहा है, वही लो.”
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी ने शव को जबरन वाहन में रखकर सौंप दिया, और उनके मोबाइल फोन छीन लिए, ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें.
यह घटना आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे हजारों मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है. परिजनों का कहना है कि कंपनियां मुनाफ़े के लिए मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी करती है
मृतक परिवार की प्रमुख मांगें —
• परिवार को कम से कम 15 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए.
• परिवार के एक सदस्य को कंपनी में स्थायी नौकरी दी जाए.
• जबरन हस्ताक्षर करवाने और सौदेबाज़ी में शामिल लोगों की उच्चस्तरीय जांच कर सख़्त कार्रवाई की जाए.
परिजनों ने कहा कि किसी भी सूरत वे न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे.
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