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मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

झामुमो प्रवक्ता के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा – चंपाई सोरेन का अपमान झामुमो की नई नीति है क्या?

सरायकेला। झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाडंगी के बयान को भारतीय जनता पार्टी ने “शर्मनाक और स्तरहीन” बताया है। आदित्यपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा सरायकेला-खरसावां जिला अध्यक्ष उदय सिंहदेव और विधायक प्रतिनिधि सानंद आचार्य ने कहा कि झामुमो प्रवक्ता द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पर की गई अभद्र टिप्पणी उनकी घटिया मानसिकता को दर्शाती है।

भाजपा नेताओं ने सवाल उठाया कि झारखंड आंदोलन के दो शीर्ष नेताओं के रिश्तों पर सर्टिफिकेट देने का अधिकार कुणाल षाडंगी को किसने दिया। उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन ने अपना पूरा जीवन झारखंड आंदोलन और झामुमो संगठन निर्माण में समर्पित किया, और जब उन्होंने पार्टी छोड़ी थी, तो उसके पीछे की वजह अब साफ दिख रही है।

नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन से पूछा कि क्या वरिष्ठ नेताओं का अपमान अब झामुमो की नई नीति बन चुकी है? भाजपा ने कहा कि चंपाई सोरेन ने विषम परिस्थितियों में पार्टी और सरकार को टूटने से बचाया था। आज उन्हीं का अपमान किया जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन चार दशक से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं और उन पर कभी भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। ऐसे व्यक्तित्व पर सवाल उठाना शर्मनाक है।

भाजपा नेताओं ने कुणाल षाडंगी को “हर चुनाव से पहले पार्टी बदलने वाला नेता” बताया और कहा कि जिनकी खुद की कोई विचारधारा नहीं है, वे दूसरों के चरित्र पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी के निजी जीवन पर टिप्पणी जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

वोटर लिस्ट और आधार कार्ड के मुद्दे पर झामुमो प्रवक्ता के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि क्या झामुमो उन नेताओं की सूची जारी करेगा जो अपने क्षेत्र से बाहर चुनाव लड़ रहे हैं? उन्होंने कहा कि जो पार्टी एसआईआर का विरोध करती है, उसे आधार कार्ड पर भाषण देना शोभा नहीं देता।

भाजपा ने आरोप लगाया कि चाकुलिया में चार हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बने, जिस पर प्रशासन ने पुष्टि की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। साथ ही कहा कि झामुमो सरकार आदिवासियों की हितैषी होने का दावा करती है, पर नगड़ी में आदिवासी किसानों की जमीन छीनने और बाड़बंदी का कार्य इसी सरकार में हुआ।

नेताओं ने कहा कि झारखंड की जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। घाटशिला, पाकुड़ और कोल्हान के कई इलाकों में भूमिपुत्रों की जमीनें छीनी जा रही हैं, जबकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार जब एसआईआर जैसी पहल से स्थिति सुधारने की कोशिश करती है, तब झामुमो वोट बैंक की राजनीति के लिए उसका विरोध करती है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि जो लोग “जल, जंगल और जमीन” की बात करते हैं, वही आज अपने ही आदिवासी समाज और मातृभूमि से विश्वासघात कर रहे हैं।





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