बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के आखिरी चरण के बाद अब मैदान से सियासत कोर्ट तक पहुंच गई है। काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह, जो भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की पत्नी हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसकी पुष्टि बिक्रमगंज के SDO सह निर्वाचन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने खुद की। यह कार्रवाई 10 नवंबर की रात बिक्रमगंज स्थित एक होटल में ज्योति सिंह और उनके समर्थकों के रुकने के मामले में की गई है। मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब 10 नवंबर की रात विंध्यवासिनी होटल में बिक्रमगंज पुलिस ने छापेमारी की। बताया जाता है कि ज्योति सिंह अपने 15 से 18 समर्थकों के साथ होटल में ठहरी थीं
पुलिस और प्रशासनिक टीम जैसे ही वहां पहुंची, कमरों की तलाशी ली गई, लेकिन ज्योति सिंह ने इसे “जानबूझकर की गई कार्रवाई” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि “बिना महिला कांस्टेबल के मेरे कमरे में तलाशी ली गई। मुझे और मेरे समर्थकों को चार घंटे तक परेशान किया गया।” उधर, प्रशासन का कहना है कि प्रचार अवधि खत्म होने के बाद बाहरी लोगों को विधानसभा क्षेत्र में रुकने की अनुमति नहीं होती। मना करने पर भी ज्योति सिंह और उनके समर्थक होटल में रुके थे। छापेमारी के दौरान प्रशासन ने पाया कि होटल के रजिस्टर में केवल तीन लोगों की एंट्री थी, बाकी समर्थकों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। यह भी सामने आया कि ज्योति सिंह की तीन में से दो गाड़ियों की अनुमति अवधि समाप्त हो चुकी थी, जबकि तीसरी गाड़ी की अनुमति ली ही नहीं गई थी। जब अधिकारियों ने पूछताछ की तो समर्थकों ने कहा कि वे “बर्थडे पार्टी में शामिल होकर लौटे हैं।” यह जवाब अधिकारियों को संदिग्ध लगा।
”यह साजिश है, मैं निर्दोष हूं”: ज्योति सिंह ने मीडिया से कहा कि मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। मेरे साथ कोई गैरकानूनी काम नहीं हुआ, यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है। उनका कहना है कि बिना महिला पुलिसकर्मी के कमरे में प्रवेश गलत था। वहीं प्रशासन का दावा है कि किसी अधिकारी ने महिलाओं के कमरे में प्रवेश नहीं किया, दरवाजे पर ही पूछताछ की गई।







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