आदिवासी यात्रा का 5वां दिन कुचाई प्रखंड के बाईडीह गांव में पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने आदिवासी उद्यमिता पर कई तरह की चर्चा हुई एवं सुझाव दिए, जिसमें लाइव स्टॉक, वन उत्पाद, एवं पारंपरिक खेती का वैल्यू एडिशन कर मार्केटिंग राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर करना, आदिवासी किसान समूह बनाकर जिससे प्लान रोका जा सकता है और ग्रामीणों को गांव में ही आय के लिए रोजगार मिल सकता है, ग्रामीणों ने अपना चिंता जाहिर किया हमारे क्षेत्र की काफी ऐसी वस्तुएं जो हम उगते हैं या जंगल से हम संग्रह करते हैं उन्हें बाहर के लोग ले जाकर ऊंचे दामों में बेच देते हैं, साथ ही ग्रामीणों ने 40 से ज्यादा देशी बीज हमारे यात्रा में चल रहे ज्ञान बॉक्स में डाला है, 50 से ज्यादा जड़ी बूटियां को ज्ञान बॉक्स में डाला है,
आज यह यात्रा बाईड़ीह होते हुए पुतुलपी गांव की ओर रवाना हो गया, इस यात्रा में आज ग्रामीण मुंडा राजमोहन गुंदुवा, चंपई बोदरा, सोनी, सरस्वती उगुरसांडी,दयान सामाड, श्याम सोय, मानसिंह बांकीरा,विरा केरकेट्टा, मनोज कुमार सोय,जीवन सोय,मालती सुंडी








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