झारखंड: पाकुड़ की बैंक कॉलोनी आमतौर पर शांत मानी जाती है। ऐसे इलाकों में लोग निश्चिंत होकर अपने घर छोड़ जाते हैं। लेकिन इसी कॉलोनी में एक बंद घर के भीतर जो हुआ, उसने भरोसे और सुरक्षा दोनों पर सवाल खड़े कर दिए। तीन महीने से बंद पड़ा यह घर एक रात में पूरी तरह उजड़ गया।
सेवा में लगा डॉक्टर, पीछे छूट गया सूना घर: इस घर के मालिक जयंतो शुक्ल कोलकाता में CS यानी सिविल सर्जन के पद पर कार्यरत हैं। मरीजों की सेवा के लिए वे परिवार के साथ कोलकाता चले गए। पीछे रह गया उनका पाकुड़ वाला घर, बंद और खामोश। शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यही खामोशी चोरों को न्योता दे देगी।
खिड़की से घुसे चोर, यादों तक उखाड़ ले गए: अज्ञात चोर बाथरूम की खिड़की के रास्ते घर में दाखिल हुए। उन्होंने सिर्फ सामान नहीं चुराया, बल्कि घर की बुनियाद को भी नुकसान पहुंचाया। फ्रिज, एसी का कंप्रेसर, बिजली के उपकरण, एल्युमीनियम शीट, बाथरूम के नल और घरेलू सामान सब कुछ ले गए। वायरिंग और पानी के पाइप तक उखाड़ दिए गए। यह चोरी कम और घर को उजाड़ देने जैसी थी।
पड़ोसियों की सूचना और एक रिश्तेदार की चिंता: जब पड़ोसियों को शक हुआ तो उन्होंने गृह स्वामी के साले मनोजित पांडे को खबर दी। सूचना मिलते ही वे दौड़ते हुए घर पहुंचे। बंद दरवाजे, बिखरा सामान और उखड़ी हुई वायरिंग देखकर उनका दिल बैठ गया। उन्होंने तुरंत अपने जीजा जयंतो शुक्ल और नगर थाना पुलिस को जानकारी दी।
नुकसान सिर्फ पैसों का नहीं: मनोजित पांडे बताते हैं कि नुकसान लाखों में है, लेकिन इससे बड़ा नुकसान मानसिक है। जिस घर को मेहनत से बनाया गया, उसे दोबारा रहने लायक बनाने में समय और पैसे दोनों लगेंगे। जयंतो शुक्ल के कोलकाता से लौटने के बाद ही सही नुकसान का आकलन हो सकेगा।
हर बंद घर की एक चिंता: यह घटना सिर्फ एक घर की चोरी नहीं है। यह उन सभी परिवारों की कहानी है जो नौकरी या मजबूरी में अपने शहर से दूर रहते हैं और पीछे छूट जाता है उनका बंद घर। हर ताला, हर खिड़की अब सवाल पूछती है कि क्या हमारा घर सुरक्षित है।
पुलिस जांच में जुटी, उम्मीद बाकी: नगर थाना प्रभारी बबलू कुमार के अनुसार चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आसपास के इलाकों की पड़ताल







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