(UP) : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लखनऊ STF और बदमाशों के बीच हुए एनकाउंटर में एक लाख रुपये का इनामी अपराधी सिराज अहमद मारा गया। मुठभेड़ के दौरान उसका एक साथी मौके से फरार हो गया। STF उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। सिराज अहमद सुल्तानपुर का रहने वाला था और पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़ा हुआ था। पुलिस के मुताबिक वह गैंग का शार्प शूटर था और कई संगीन वारदातों में शामिल रहा है।
मुन्ना बजरंगी से करीबी रिश्ते: सिराज के संबंध मुख्तार अंसारी के करीबी रहे प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी से भी थे। जब मुन्ना बजरंगी सुल्तानपुर जेल में बंद था, उस दौरान सिराज उससे मिलने जाता था। इस दौरान कुछ बड़े नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
जेल से चलता था अपराध का नेटवर्क: पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जब मुन्ना बजरंगी सुल्तानपुर जेल में था, तब रंगदारी, वसूली, टावर पर कब्जा, रेलवे, लोक निर्माण विभाग और हाईवे से जुड़े टेंडरों का खेल जेल से ही मैनेज किया जा रहा था। इसी दौरान कई स्थानीय अपराधी मुख्तार गैंग के करीब आए और सिराज की पकड़ और मजबूत हुई।
डी-68 गैंग और पहचान: सिराज अहमद मुख्तार अंसारी गैंग के डी-68 नामक गिरोह से जुड़ा था। अपराध की दुनिया में उसे सिराज अहमद उर्फ जलीस-डी के नाम से जाना जाता था। हाजी मुन्ने हत्याकांड के आरोपी जलीस अहमद के जरिए वह जेल में मुन्ना बजरंगी से मुलाकात करता था।
28 से ज्यादा आपराधिक मामले: एसटीएफ के मुताबिक सिराज अहमद पर कुल 28 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें 26 मामले सुल्तानपुर और दो लखनऊ में दर्ज थे। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में केस चल रहे थे। वर्ष 2015 और 2018 में उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था, जबकि 24 जनवरी 2019 को उसे एनएसए के तहत निरुद्ध किया गया था।
4.66 करोड़ की संपत्ति हो चुकी थी कुर्क: कोर्ट के आदेश पर बीते मार्च महीने में अधिवक्ता आजाद अहमद हत्याकांड के मुख्य आरोपी सिराज अहमद की 4 करोड़ 66 लाख 11 हजार 300 रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी। जब्त संपत्ति में एक फॉर्च्यूनर, दो एसयूवी, एक ट्रैक्टर, एक मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर ट्रॉली और एक भू-संपत्ति शामिल थी।
STF की कार्रवाई से अपराध जगत में हलचल: एसटीएफ की इस कार्रवाई को पूर्वांचल और सुल्तानपुर क्षेत्र में अपराध पर बड़ी चोट माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिराज के मारे जाने से मुख्तार गैंग के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।







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