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मंगलवार, 23 दिसंबर 2025

पलामू टाइगर रिजर्व के नेतृत्व में झारखंड में टाइगर एस्टिमेशन का काम जारी

पलामू। झारखंड में पलामू टाइगर रिजर्व के नेतृत्व में बाघों की गिनती (टाइगर एस्टिमेशन) की प्रक्रिया चल रही है। इस कार्य के लिए सीसीएफ सह पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक एस. आर. नटेश को झारखंड का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। राज्य के पलामू टाइगर रिजर्व, सारंडा, रांची, हजारीबाग, बोकारो और दुमका रीजन में यह सर्वे किया जा रहा है।




टाइगर एस्टिमेशन के पहले चरण के बाद दूसरे चरण में उन इलाकों में कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं, जहां वन्यजीवों की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। कैमरा ट्रैप और पग मार्क्स से संबंधित सभी डाटा को वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। पूरी प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी किए जाने की योजना है।

बाघों की गिनती के साथ-साथ हाथियों की संख्या पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। हाथियों से जुड़ा डाटा सावधानीपूर्वक एकत्र किया जा रहा है ताकि उनकी वास्तविक संख्या का सही आकलन हो सके। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व जारी रिपोर्ट में झारखंड में मात्र 217 हाथियों के होने का दावा किया गया था, जबकि वर्ष 2017 में यह संख्या 678 थी। अनुमान है कि इस सर्वे के बाद हाथियों की संख्या में वृद्धि सामने आ सकती है। अकेले पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 150 से अधिक हाथियों की मौजूदगी बताई जा रही है।

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नेतृत्व में पूरे देश में ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन किया जा रहा है। झारखंड में चार चरणों में यह प्रक्रिया पूरी होगी, जिसकी शुरुआत 15 दिसंबर को हुई थी और पहला चरण हाल ही में संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सर्वे से वन्यजीवों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी, जिसके आधार पर भविष्य की योजनाएं तैयार की जाएंगी।

टाइगर एस्टिमेशन के दौरान बाघों के साथ-साथ तेंदुआ, हाथी, गिद्ध और अन्य मांसाहारी जीवों की भी गिनती की जा रही है। पहले चरण में झारखंड के सभी छह रीजन में तेंदुए की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। यह जानकारी चौंकाने वाली है, क्योंकि पहले माना जा रहा था कि तेंदुआ केवल पलामू टाइगर रिजर्व और दलमा के कुछ हिस्सों तक सीमित है। अब गोड्डा जैसे इलाकों में भी तेंदुए के संकेत मिले हैं।

सर्वे के दौरान पलामू टाइगर रिजर्व में तीन से चार बाघों के पग मार्क भी पाए गए हैं, जबकि अन्य बाघों की मौजूदगी के संकेत भी मिले हैं। राज्य भर में टाइगर एस्टिमेशन के लिए करीब 1600 फॉरेस्ट गार्ड तैनात किए गए हैं। वहीं, पलामू टाइगर रिजर्व में 110 फॉरेस्ट गार्ड और 300 ट्रैकर इस कार्य में लगे हुए हैं।

















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