हज़ारीबाग़ : ठंडी हवाओं के बीच 16 नवंबर की रात बरही में चली गोलियों की आवाज ने पूरे इलाके को दहला दिया था। चार हथियारबंद अपराधी, दो बाइक और चंद मिनटों में अंजाम दी गई बड़ी लूट, हर तरफ सनसनी फैल गई। लेकिन जिला पुलिस ने जो कर दिखाया, वह किसी फिल्मी क्लाइमेक्स से कम नहीं। केवल 24 घंटे में केस का उद्भेदन और अपराधियों के सपनों का साम्राज्य ढह गया।
बरही चौक के पास जय माता दी ज्वेलर्स के संचालक जब दुकान से सोना-चांदी के चार बैग कार में रख रहे थे, तभी अपराधियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। कार का शीशा तोड़ा गया, बैग छीन लिये गये और परछाईं की तरह अपराधी रात में गुम हो गये। इस संबंध में बरही थाना में केस (कांड संख्या 439/25) दर्ज किया। SDPO के नेतृत्व में गठित SIT CCTV फुटेज, तकनीकी इनपुट और गुप्त सूचना जैसे-जैसे सुराग जुड़ते गये, अपराधियों का नेटवर्क खुलता गया। सबसे पहले लुटेरों को स्कॉर्पियो उपलब्ध कराने वाला इन्द्रराज को उठा लिया गया। उसे रांची पूछताछ के लिये लाया गया। उसकी निशानदेही पर हंटरगंज के मायापुर से स्कॉर्पियो वाहन और एक देसी पिस्तौल मिले। यही वह धागा था, जिसने इस बड़े गैंग की असल परतें खोल दीं। सूचना मिली कि अपराधी शेरघाटी की ओर भागने की फिराक में हैं। SIT ने तुरंत चोरहदाहा चेकपोस्ट पर एंटी-क्राइम चेकिंग शुरू की। पुलिस की कसावट इतनी तेज थी कि अपराधी बच ही नहीं पाये। धनंजय चौधरी एवं रौशन यादव को अरेस्ट किया गया। लूटे गये सोने-चांदी के जेवरात, KTM बाइक, हथियार, कुल डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के आभूषण इस कार्रवाई से एक बड़े आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। सुनें, क्या बोले हजारीबाग पुलिस कप्तान अंजनी अंजन…







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