प्राणी विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान विभाग, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के लिए आयोजित शैक्षणिक उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत सेरिकल्चर एवं तसर केंद्र, सरायकेला-खरसावां, झारखंड का एक शैक्षिक भ्रमण आयोजित किया गया।
इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को सेरिकल्चर संबंधी व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था, जिसमें रेशीम कीट पालन, पौष्टिक पौधों की खेती, कोकून प्रसंस्करण तथा तसर रेशम उत्पादन तकनीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन शामिल रहा। छात्रों ने रेशम उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं को निकट से देखा और क्षेत्र के विशेषज्ञों से बातचीत की, जिन्होंने झारखंड में सेरिकल्चर के वैज्ञानिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
साथ गए संकाय सदस्यों ने बताया कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं, विशेष रूप से कीट जीवविज्ञान, आर्थिक वनस्पति, ग्रामीण विकास तथा सतत आजीविका जैसे क्षेत्रों में।
छात्रों ने इस शैक्षिक अनुभव के प्रति उत्साह प्रकट किया और बताया कि इस भ्रमण ने उनके पाठ्यक्रम से संबंधित वास्तविक प्रक्रियाओं को समझने में अत्यंत सहायता की। इसने स्थानीय पारंपरिक उद्योगों के प्रति उनकी जागरूकता को भी बढ़ाया तथा जैव-आधारित उद्यमिता की संभावनाओं को उजागर किया।
प्राणी विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान विभाग ने सेरिकल्चर एवं तसर केंद्र के अधिकारियों का सहयोग और मार्गदर्शन के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया।









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