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गुरुवार, 20 नवंबर 2025

बिहार: राजद के घर में उठी बगावत की लपटें, नारे, पुतला दहन…

बिहार चुनाव 2025 में मिली करारी हार ने राजद के घर का सन्नाटा जैसे चीर दिया हो। पटना की हवा में बुधवार को एक नया शोर था, दर्द का भी, नाराजगी का भी और बगावत की पहली खुली दस्तक का भी। राजद के प्रदेश कार्यालय के बाहर दर्जनों कार्यकर्ता जमा हुये। हाथों में पुतले, गुस्से से कांपते नारे और एक ही आवाज “संजय हटाओ, राजद बचाओ।” संजय यादव और विधान पार्षद सुनील सिंह के विरोध में कार्यालय के सामने पुतलों को आग के हवाले किया गया। भभकती लपटों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी जल उठी, “संजय यादव गो बैक!” “राजद बचाओ।” कार्यकर्ताओं का आरोप साफ है कि संजय यादव और सुनील सिंह ने पार्टी को बर्बादी की ओर धकेला है। वहीं, यह हार उनकी वजह से ही हुई है। पुतला दहन के बाद कार्यकर्ता पृथ्वीराज चौहान की जुबान में गुस्सा कम, लेकिन दर्द ज्यादा था, “संजय यादव और सुनील सिंह ने लालू जी की विचारधारा को ही ध्वस्त कर दिया है। चुनाव में जो हार मिली, इसकी सबसे बड़ी वजह वही लोग हैं। RJD को बचाना है तो इन्हें बाहर करना ही होगा।” कार्यकर्ता धर्मेंद्र यादव बोले “जब तक संजय यादव को हटाया नहीं जायेगा, हमारा आंदोलन रुकेगा नहीं। RJD बचानी है तो उनको बाहर करो। और हां, बिहार को बिहार चलायेगा, हरियाणवी नहीं।” यह तीर सीधे तेजस्वी यादव के ‘करीबी सलाहकार’ संजय यादव पर साधा गया था। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी पहले ही मोर्चा खोल चुकी हैं। उनका आरोप है कि संजय यादव ने पार्टी हाईजैक कर ली है, परिवार में भी फूट डाल रहे हैं लेकिन तेजस्वी यादव ने उनके लिये चप्पल तक उठा ली। यह आरोप परिवार की दीवारों पर लगी दरारों की गवाही है। तेजप्रताप यादव तो पहले से ही संजय को ‘जयचंद’ कहकर निशाना साधते आये हैं। उनका आरोप है कि संजय यादव पार्टी से जुड़े बड़े–बड़े फैसले खुद लेते हैं, जिससे पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं में उपेक्षा गहराती जा रही है।



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